Thursday, May 19, 2011

Bihar Entrepreneur Summit 2011 in Prabhat Khabar बिहार को दुनिया से जोड़ने की मुहिम




अतुल रहते तो अमेरिका की जर्सी सिटी में हैं, लेकिन दिल बिहार में बसता है. वह दुनिया को बिहार से और बिहार को दुनिया से जोड़ने की मुहिम में जुटे हैं. बिहार के युवा उद्यमियों की पहल बिहार इंटरप्रेन्योर नेटवर्क (बेन) के कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वह इन दिनों बिहार में जमे हैं. यह कॉन्फ्रेंस बोधगया में 21 व 22 मई को होनेवाली है. अपने प्रदेश के बारे में अतुल की समझ स्पष्ट है - बिहार को दया नहीं चाहिए. यहां आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है.

- बिहार सोसाइटी का गठन -

आइआइएम, अहमदाबाद से प्रबंधन की पढ़ाई करनेवाले सारण जिले के निवासी अतुल पिछलेपांच वर्षो से अमेरिका में हैं. उन्होंने अपने मित्रों (संतोष पांडेय वगैरह) के साथ मिल कर बिहार सोसाइटी का गठन किया है. सोसाइटी ने हाल में वेब पत्रिका द बिहार शुरू की है. इसके जरिये बिहार के गौरवशाली अतीत, संस्कृति, बिहार में आये बदलाव और उद्यमियों की सफ़लता की कहानी को दुनिया के सामने लाने की योजना है. यह संस्था पटना में मैराथन दौड़ करायेगी.

अतुल अमेरिका में रहनेवाले बिहारियों की मदद से बिहार के युवा उद्यमियों को हर तरह की सहायता पहुंचाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं. अभी हाल में लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे ने दिल्ली में अनशन शुरू किया, तो इसकी आवाज अमेरिका में गूंजी. इसके लिए अतुल ने बिहारियों को जुटा कर न्यूयॉर्क में सभा की.
अतुल का कहना है कि नालंदा विश्वविद्यालय के नष्ट होने के साथ ही बिहार की पतन शुरुआत हुई थी. लेकिन, अब लगता है कि इसका स्वर्णिम काल फ़िर से शुरू हो रहा है. इसमें सिविल सोसाइटी की अहम भूमिका होगी. कई नये क्षेत्र उभर रहे हैं, जिनमें यहां के उद्यमी काम कर सकते हैं.

अतुल ने खुद एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी से इस्तीफ़ा देकर नन प्रॉफ़िट सेक्टर में काम शुरू किया है. उन्होंने एनएफ़पी फ़ोकस (कंपनी) ज्वाइन किया है. यह कंपनी अस्पतालों, विश्वविद्यालयों जैसे नन प्रॉफ़िट सेक्टर में बतौर सलाहकार यह बतायेगी कि खर्च को कहां-कहां और कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.

- बिहार के गौरवशाली अतीत को सामने लाने की योजना

21व 22 मई को बोधगया में कॉन्फ्रेंस

1 comment:

Daily Inspirational Motivational Quotes said...

http://www.kishanganjbihar.com/2011/10/amu-kishanganj-women-joins-protest.html